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अमिताभ बच्चन ने बताया कि आखिर क्यों उनके पिता जी ने “बच्चन” सरनेम ही चुना, जानिए इसके पीछे की दिलचस्प कहानी

ये तो सब जानते है कि इन दिनों सोनी चैनल पर कौन बनेगा करोड़पति का सीजन 13 प्रदर्शित किया जा रहा है, ऐसे में इस शो ने कई अलग अलग देशों और राज्यों से कई तरह के कंटेस्टेंट आते है। इन्हीं में से एक महाराष्ट्र की भाग्यश्री तायडे है जो फिंगर ट्रिपल टेस्ट का राउंड पास करते हुए हॉट सीट तक पहुंची थी। बहरहाल भाग्यश्री खुद को फुल टाइम मां कहती है, तो मिस्टर बच्चन ने उनसे पूछा कि वह खुद को फुल टाइम मां क्यों कहती है, तो भाग्यश्री ने बताया कि उनकी दो साल की बच्ची है और उनका पूरा समय अपनी बच्ची की देखभाल करने में चला जाता है। केवल इतना ही नहीं इसके इलावा इस एपिसोड के दौरान अमिताभ बच्चन ने बताया कि आखिर क्यों उनके पिता ने बच्चन उपनाम चुना। तो चलिए आपको इसके बारे में विस्तार से बताते है।

अमिताभ बच्चन ने बताया कि उनके पिता ने जानबूझ कर रखा था ये सरनेम :

दरअसल भाग्यश्री के पति जलगांव में पुलिस विभाग में काम करते है और बच्चन साहब से बातचीत के दौरान उन्होंने खुलासा किया कि वह एक गायक भी है। यहां तक कि हाल ही में उनका एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल भी हुआ था, जिसके बाद उन्हें मराठी फिल्मों में गाने का मौका मिला था। ऐसे में जब बच्चन साहब भाग्यश्री के पति से गाना गाने के लिए कहते है, तो वह धड़क फिल्म का टाइटल ट्रैक गाते है।

इसके बाद जब अमिताभ बच्चन, भाग्यश्री से उनकी प्रेम कहानी के बारे में पूछते है, तो वह बताती है कि वे दोनों करीब पांच छ साल पहले एक कॉमन दोस्त की दुकान पर मिले थे और वहां वह एक माइक खरीदने गए थे। फिर जब भाग्यश्री और उनकी सहेलियों ने उन्हें गाना गाता हुए सुना तो उनकी खूब तारीफ की। इसके बाद वे दोनों सोशल मीडिया पर भी दोस्त बन गए और कुछ दिन तक एक दूसरे को डेट करने के बाद दोनों ने अपने माता पिता को शादी के लिए राजी करना शुरू कर दिया, मगर दोनों के माता पिता इस शादी के खिलाफ थे, क्योंकि वे दोनों अलग जाति से ताल्लुक रखते थे।

शो की कंटेस्टेंट ने बताई अपनी प्रेम कहानी :

हालांकि भाग्यश्री ने बताया कि दोनों के माता पिता देर से ही सही लेकिन शादी के लिए राजी हो गए। मगर अफसोस की बात ये है कि दोनों की शादी करवाने के बाद माता पिता ने उनसे सब रिश्ते तोड़ दिए। ऐसे में अमिताभ बच्चन ने भाग्यश्री के पिता से हाथ जोड़ कर विनती की कि वह उन्हें और उनकी शादी को स्वीकार कर ले। बता दे कि इसके बाद मिस्टर बच्चन अपने माता पिता की कहानी शेयर करते हुए बताते है कि उनकी मां तेजी बच्चन एक सिक्ख थी, जब कि उनके पिता एक कायस्थ परिवार से थे।

तो बच्चन साहब ने बताया कि शुरुआत में कुछ मुश्किलें जरूर हुई थी, लेकिन आखिरकार बाद में सब राजी हो गए। जी हां अमिताभ बच्चन ने कहा कि यह तो 1942 की बात थी, लेकिन उन्हें ताज्जुब है कि लोग आज भी इन बातों पर यकीन करते है। इसके साथ ही अमिताभ बच्चन ने बताया कि जब उनके माता पिता उनका स्कूल में एडमिशन करवाने के लिए गए तो उन्होंने सरनेम पूछा, जिसके जवाब में बच्चन साहब के पिता ने कोई सरनेम न बताते हुए केवल बच्चन नाम बताया, क्योंकि यह किसी भी जाति का संकेत नहीं देता।

अलग अलग जाति से ताल्लुक रखते थे अमिताभ बच्चन के माता पिता :

गौरतलब है कि जब भाग्यश्री ने मिस्टर बच्चन से कहा कि वह जीती हुई राशि से अपने माता पिता के लिए एक घर खरीदना चाहती है तो मिस्टर बच्चन, भाग्यश्री को उनके माता पिता के प्रति अपनी भावनाओं को कैमरे के सामने व्यक्त करने के लिए कहते है। जिसके बाद भाग्यश्री अपनी भावनाएं जाहिर करते हुए रोने लगती है और अपने माता पिता से माफी मांगती है। फिर मिस्टर बच्चन भाग्यश्री के पिता को फोन करते है और भाग्यश्री के पिता भी उन्हें माफ करके उनकी शादी को स्वीकार कर लेते है। इसके साथ ही भाग्यश्री के पिता उन्हें शुभकामनाएं भी देते है।

तो ये है वो राज जो सब के सामने अमिताभ बच्चन ने बताया था और साथ ही एक बेटी को उसके पिता से भी दोबारा मिलवा दिया। दोस्तों आपको यह जानकारी कैसी लगी, इस बारे में हमें अपनी राय जरूर दीजियेगा।

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